नई दिल्ली (New Delhi) . इस साल विश्व एथलेटिक्स ने कई स्पर्धाओं के नियमों में बदलाव किए हैं. विश्व एथलेटिक्स ने खेल को बेहतर बनाने ये बदलाव किये हैं. ये सारे नियम हालांकि साल 2021 में ही लागू होंगे. इसके तहत 20, 25 या 30 किलोमीटर दौड़ अब नहीं होंगी. इसके साथ ही जूनियर पुरुष वर्ग में स्टीपलचेज के बैरियर (बाधा) की ऊंचाई 7.6 सेंटीमीटर कम कर दी गई है. वहीं जूनियर अण्डर-18 पुरुष वर्ग में स्टीपलेज की बाधाओं की ऊंचाई 91.4 सेंटीमीटर ऊंचाई होती है.
इसे घटाकर 83.8 कर दिया गया है. अभी जूनियर और सीनियर पुरुष एथलीटों के लिए एक जैसी यानी 91.4 सेंटीमीटर ऊंचाई होती थी. ऐसे में ऊंचाई कम होने वाले एथलीटों को लाभ होगा. इसके अलावा लांग या ट्रिपल जम्प करते समय जम्परों के जूते का कोई हिस्सा टेकऑफ बोर्ड के आगे लगे प्लास्टिसिन को छुएगा तो उसे फाउल करार दिया जाएगा. अभी तक प्लास्टिसिन पर स्पाइक्स की कीलों के निशान देखकर फाउट माना जाता था.
डिकेथलान की दस और हेप्टेथलान सात स्पर्धाएं का समय बढ़ाकर 48 घंटा कर दिया गया है. इससे आयोजकों को जल्दीबाजी में इवेंट पूरे नहीं कराने पड़ेंगे. डिकेथलीटों की भी रिकवरी टाइम ज्यादा मिलेगा. एथलेटिक्स प्रतियोगिताओं में ज्यादा एथलीट होने पर आयोजक टाइम ट्रायल लेकर फाइन कराते थे. पर अब हर स्पर्धाओं की हीट करानी जरूरी होगी. यही नहीं पैदल चाल की स्पर्धा में फाउट करने वाले खिलाड़ी को एक गोले में एक मिनट के लिए खड़ा कर दिया जाता था पर अब इसे पेनल्टी जोन कहा जाएगा.