नई दिल्ली (New Delhi) . लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारतीय सेना पूरे में उन जगहों को भी भरने की कोशिश कर रही है जहां पर अंदेशा है कि चीन की तरफ से कब्जे की कोशिश की जा सकती है. सूत्रों के मुताबिक भारतीय सेना ने पैंगोंग झील के उत्तरी किनारे यानी फिंगर एरिया की तरफ भी अपनी तैनाती में कुछ इस तरह बदलाव किए हैं जिससे स्थिति ज्यादा मजबूत हो. यहां मई में चीनी सैनिक फिंगर- 4 तक आ गए थे और डिसइंगेजमेंट की बातचीत के बाद जुलाई के पहले हफ्ते में वह फिंगर-4 के बेस से फिंगर-5 तक वापस तो गए लेकिन फिंगर-4 की चोटी पर अभी भी मौजूद हैं.
सूत्रों के मुताबिक भारतीय सेना ने कई जगहों पर लगातार गश्त करना शुरू कर दिया है जहां पर समझौते के मुताबिक दोनों देशों के सैनिक तैनात नहीं रहते. एलएसी पर कई ऐसी जगहें हैं जहां पर दोनों देश अपना दावा करते हैं, लेकिन वहां पर किसी के सैनिक तैनात नहीं हैं. बस दोनों देशों के सैनिक वहां पट्रोलिंग के लिए जाते हैं. एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि चीन ने जिस तरह पैंगोंग झील के दक्षिण किनारे में चोटियों पर कब्जा करने की कोशिश की वैसा वह दूसरी जगह भी कर सकता है. उन्होंने कहा कि चीन पैंगोंग झील के उत्तरी किनारे यानी फिंगर एरिया में तो ऐसा करने में सफल हो गया लेकिन अब भारतीय सेना चीन को एलएसी पर कहीं भी ऐसा कोई मौका नहीं देगी.
फिंगर-4 में जहां चीन के सैनिक आकर डट गए थे वह भी ऐसा ही इलाका है जहां दोनों देशों के सैनिकों की तैनाती नहीं होती थी. दोनों तरफ के सैनिक वहां पेट्रोलिंग के लिए आते थे और वापस चले जाते थे. लेकिन चीन ने समझौता तोड़ा और अपने सैनिकों को वहां बैठा दिया. भारतीय सेना को अंदेशा है कि चीन ऐसा दूसरी जगहों पर भी करने की कोशिश कर सकता है इसलिए एलएसी पर सभी जगह लगातार निगरानी रखी जा रही है.