भोपाल (Bhopal) .राजधानी की करोंद मंडी में रोजाना 3000 क्विंटल गेहूं की आवक हो रही है. मंडी नए गेहूं आने से पहले ही पुराने गेहूं की बंपर आवक हो रही है. पुराने गेहूं के किसानों को भाव भी अच्छे मिल रहे हैं. दूसरी ओर सोयाबीन, चना, मसूर समेत अन्य अनाज की आवक न के बराबर है. पिछले साल मध्य प्रदेश में गेहूं की बंपर पैदावार हुई थी. इस कारण प्रदेशभर में समर्थन मूल्य पर गेहूं रिकॉर्ड खरीदी की गई थी. कुल 127 लाख टन गेहूं प्रदेश में खरीदा गया था. इसके अलावा कृषि उपज मंडियों में भी गेहूं की अच्छी आवक हुई थी, जो अब तक बनी हुई है.
राजधानी की करोंद मंडी में प्रतिदिन औसतन तीन हजार क्विंटल गेहूं आ रहा है, जिसके भाव 1711 से 2021 रुपये तक है. लोकवन किस्म का गेहूं अधिक बिकने आ रहा है, जबकि शरबती गेहूं की आवक न के बराबर है. पिछले साल जहां गेहूं का बंपर उत्पादन मध्य प्रदेश में हुआ था, वहीं सोयाबीन की फसल अतिवृष्टि और अफलन के कारण बर्बाद हो गई थी. इसके चलते प्रदेश में सोयाबीन उत्पादन खासा प्रभावित हुआ था.
यही कारण है कि सीजन के दौरान भी मंडियों में सोयाबीन की आवक न के बराबर आवक हुई थी. नवंबर-दिसंबर माह में जब मंडियां सोयाबीन से भरी रहती थी, वहां वीरानी देखने को मिली थी. वर्तमान में भी बहुत कम सोयाबीन मंडी में आ रहा है. इसके अलावा चना, मसूर समेत अन्य अनाज की आवक भी कम है.आगामी कुछ समय में नई फसल आ जाएगी. इसलिए किसान पुराना गेहूं बेचने मंडियों में पहुंच रहे हैं. मंडी व्यापारी संजीव जैन ने बताया कि किसान स्टॉक में रखा गेहूं बेचने आ रहे हैं. इस कारण मंडियों में रौनक बनी हुई है. कुछ समय तक आवक इसी तरह रहने की उम्मीद है.वर्तमान में प्रदेश की मंडियों में गेहूं ही चमक रहा है. दरअसल, पिछले साल मंडियों में व्यापारियों और सरकार को समर्थन मूल्य पर गेहूं बेचने के बाद भी किसानों ने खासी मात्रा में गेहूं सहेजकर रख रखा है.