
नई दिल्ली . इन दिनों पार्टी के भीतर कलह से जूझ रही कांग्रेस ने तय किया है, कि विपक्ष की एकजुटता दिखाई जाए.कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने फैसला किया है कि राज्यसभा के उपसभापति का चुनाव लड़ा जाएगा. संसद के मॉनसून सत्र की शुरुआत वाले दिन 14 सितंबर को यह चुनाव होगा. नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख 11 सितंबर तय की गई है. कांग्रेस की रणनीति तय करने के लिए मंगलवार (Tuesday) को हुई बैठक में तय हुआ कि चुनाव के लिए यूपीए के घटक दलों के अलावा बाकी पार्टियों से भी संपर्क किया जाएगा. डिप्टी स्पीकर रहे जदयू सांसद (Member of parliament) हरिवंश नारायण सिंह का कार्यकाल पूरा हो जाने के चलते चुनाव हो रहे हैं. हालांकि उन्हें फिर से राज्यसभा सदस्य चुना गया है. हो सकता है एनडीए उन्हें दोबारा पद का उम्मीदवार बनाए.
कांग्रेस के रणनीतिक समूह की डिजिटल बैठक में अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी के अलावा पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, दोनों सदनों में पार्टी के नेता और कुछ अन्य वरिष्ठ नेता भी शामिल हुए. यह बैठक उस वक्त में हुई जब कांग्रेस में दो-फाड़ की स्थिति बनी हुई है. पार्टी ने तय किया है कि राज्यसभा के उपसभापति चुनाव की खातिर उम्मीदवार के नाम पर फैसला बाकी पार्टियों से बात करने के बाद लिया जाएगा.
साल 2018 में कांग्रेस के पीजे कुरियन के बाद हरिवंश डिप्टी स्पीकर बने थे. उन्होंने कांग्रेस के उम्मीदवार को बीके हरि प्रसाद को 20 वोटों के अंतर से हराया था. हरिवंश को 125 वोट मिले थे जबकि प्रसाद को 105 वोट मिले थे. डिप्टी स्पीकर का पद लोकसभा (Lok Sabha) में भी खाली पड़ा हुआ है.
सोनिया को चिट्ठी लिखकर पार्टी में बड़े बदलाव करने की मांग करने वाले तीन नेता भी बैठक का हिस्सा थे. इस चिट्ठी को लेकर सीडब्ल्यूसी मीटिंग में खासा बवाल हो चुका है, और अब भी तनाव खत्म नहीं हुआ है. मंगलवार (Tuesday) की बैठक में, चिट्ठी लिखने वालों में से तीन गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा और मनीष तिवारी (Manish Tiwari) शामिल हुए. इसमें पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, सीनियर नेता एके एंटनी और मल्लिकार्जुन खड़गे समेत हाल ही में दोनों सदनों के लिए बनाए गए ‘कांग्रेस स्ट्रैटजी ग्रुप’ के सदस्य भी मौजूद थे.