नई दिल्ली (New Delhi) . दिल्ली उच्च न्यायालय ने जामिया मिल्लिया इस्लामिया (जेएमआई) विश्वविद्यालय के तत्वावधान में चल रहे एक स्कूल में अनुबंध पर काम कर रहे शिक्षकों के हक में फैसला सुनाया है. उच्च न्यायालय ने इन शिक्षकों की सेवाएं अगले साल मार्च तक खत्म नहीं करने का निर्देश दिया है. न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ ने विभिन्न शिक्षकों की याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया है. शिक्षकों ने याचिकाओं में खुद को नियमित या स्थायी कर्मचारियों का दर्जा देने का अनुरोध किया है. साथ ही उन्होंने प्रबंधन को बीच में ही अवैध तरीके से उनकी सेवाएं समाप्त करने से रोकने की भी अपील की है. उच्च न्यायालय ने जेएमआई और सैयद आबिद हुसैन उच्चतर माध्यमिक विद्यालय को नोटिस जारी कर याचिकाओं पर जवाब मांगा है और मामले की सुनवाई अगले साल 22 मार्च तक स्थगित कर दी है.
दरअसल अनुबंध पर काम कर रहे शिक्षकों की तरफ से उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर दलील दी है कि इस तरह अचानक उनकी सेवा समाप्त करने से उनके परिवार इससे प्रभावित होंगे. लॉकडाउन (Lockdown) के दौरान उन्होंने पूरी ईमानदारी से काम किया है. अब इस तरह के आदेश ने उनके परिवार को खतरे में डाल दिया है. इन शिक्षकों ने आग्रह किया है कि स्कूल प्रबंधन के सेवा समाप्त करने के आदेश को रद्द करने की मांग है. उच्च न्यायालय ने इस याचिका को सुनवाई के लिए स्वीकार करते हुए आदेश दिया है कि अगले साल मार्च तक जेएमआई व सैयद आबिद हुसैन उच्चतर माध्यमिक विद्यालय को कहा है कि वह शिक्षकों की सेवा समाप्त ना करे. इसके अलावा आगे की सुनवाई के बाद आदेश दिया जाएगा.